
नई दिल्ली। चीन-अमेरिका में अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार की शुरुआत हो चुकी है। अमेरिका की ओर से मेटल पर इम्पोर्ट टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने अमेरिका से आयात होने वाली 128 वस्तुओं पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव दिया रखा है। चीन की कार्रवाई से पहले गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस मसौदे पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद चीन से इम्पोर्ट होने वाले 6000 करोड़ डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि ये व्यापार के क्षेत्र में लिए जाने वाले तमाम एक्शन में से पहला है।
अमेरिका के इम्पोर्ट टैरिफ का जवाब:
चीन के इन 128 प्रोडक्ट्स पर टैरिफ दो चरणों में लगाया जा सकता है। अगर वाशिंगटन के साथ सभी 128 उत्पादों पर एक समझौते नहीं हो पाता है। साथ ही मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए भी आगे बढ़ सकते हैं। गौरतलब है कि चीन की ओर से 300 करोड़ डॉलर के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी कुल आयात का बहुत छोटा सा हिस्सा है। चीन में अमेरिका से हर साल करीब 17200 करोड़ डॉलर का आयात होता है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि अमेरिका की ओर से हाल में लगाई गई ड्यूटी से बहुपक्षीय व्यापार को नुकसान हो रहा है और अंतराष्ट्रीय व्यापार को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चीन इस आपसी व्यापार संबंधों को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहता है और इसके लिए वह वाशिंगटन से इस मामले को सुलझाना चाहता है। आयात पर शुल्क लगाने के बाद दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच छिड़े ट्रेड वार को विशेषज्ञ दुनिया भर के बाजारों के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं।