देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण काफी धीमे हो चला है. दिल्ली में जहां संक्रमण दर न्यूनतम स्तर पर है, वहीं दूसरी ओर रिकवरी रेट रिकॉर्ड स्तर पर. इसी वजह से राज्य में कोरोना के एक्टिव केस भी काफी कम हो चुके हैं. इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से मार्च 2020 से बंद पड़े स्कूलों में आज से फिर से घंटी बजने जा रही है. इसके अलावा राजस्थान में भी आज से 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खुलेंगे. बता दें कि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रों लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि 4 मई से बोर्ड की परीक्षाएं होने वाली हैं, जिसके लिए प्री-बोर्ड, प्रैक्टिकल एग्जाम भी होंगे, इसी के चलते सरकार ने स्कूल खोलने की इजाजत दी है. इसके लिए सारी तैयारियां भी कर ली गई हैं. सभी स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हैंड सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है. दिल्ली के स्कूलों में तैयारियों को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी और साथ ही साथ स्कूल फिर से खुलने के लिए सभी को शुभकामनाएं भी दीं. स्कूल खोलने की अनुमति दिल्ली सरकार ने कुछ नियमों के साथ दी है, जिन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर (SOP) कहा जाता है. स्कूलों को इन एसओपी का पालन करना होगा. साथ ही छात्रों/अभिभावकों से कराना भी अनिवार्य है. अगर आप भी अपने बच्चों को आज से स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पहले ही घोषणा कर दी है कि कक्षा 10 और 12 के लिए बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से 10 जून तक आयोजित की जाएंगी. हालांकि अभी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को परीक्षा की डेट-शीट जारी करना बाकी है. जानकारी के मुताबिक कक्षा 10वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए दिल्ली रीजन से तीन लाख से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए 2.5 लाख से अधिक छात्रों ने अपना नामांकन कराया है. इसी वजह से दिल्ली सरकार ने सुझाव दिया है कि स्कूलों ने 20 मार्च से 15 अप्रैल तक कक्षा 12वीं के लिए और 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक कक्षा 10वीं के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएं. छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए ही अब दिल्ली सरकार ने कोरोना की वजह से लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद से बंद पड़े स्कूलों को 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए फिर से खोलने का फैसला लिया है.
- छात्र केवल अभिभावकों की लिखित अनुमति के साथ ही स्कूल में एंट्री पा सकेंगे. जिन छात्रों के पास अभिभावकों द्वारा दिया गया कंसेंट लेटर नहीं होगा उन्हें स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
- स्कूल में असेंबली, गैदरिंग, एक्सट्रा करिकुलर या फिजिकल एक्टिविटी की अनुमति नहीं है. स्कूल केवल जरूरी क्लासेज और प्रैक्टिकल्स के लिए खोले जा रहे हैं.
- छात्रों को टीचर्स यह भी निर्देश देंगे कि किसी भी तरह की स्टेशनरी, खाना या अन्य चीजों का आपस में लेन देन न करें. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का हर वक्त पालन अनिवार्य होगा.
- कोई भी छात्र, शिक्षक या कर्मचारी, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिन कर्मचारियों या छात्र में कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें भी स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी. स्कूल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी.
- स्कूल के मेन गेट क्लासेज के टाइम से पहले खुलेंगे ताकि भीड़ न जमा हो. अभिभावकों को अपने बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचाना होगा.
- अलग अलग क्लासेज के छात्रों की एंट्री में 15 मिनट का गैप होगा और स्कूल अपने सभी एंट्री गेट्स से छात्रों की एंट्री करेंगे.
- स्कूलों को मेन गेट, क्लासेज़, प्रैक्टिकल लैब और सार्वजनिक उपयोग की जगहों सहित परिसर में सभी स्थानों पर सैनिटाइटर रखना जरूरी होगा.
- स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों के आने से पहले सभी तैयारियां पूरी हों. स्कूल के भीतर भी जगह-जगह पर जरूरी निर्देश लिखे अथवा चिपके होंगे.
केवल उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा, जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों या कर्मचारियों को भी स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- छात्रों के स्कूल आने का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा, लेकिन इसको अटेंडेंस के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
- स्कूलों को कक्षाओं और प्रैक्टिकल लैब्स में इस तरह की व्यवस्था करनी होगी कि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे. कर्मचारियों को टाइम टेबल के आधार पर ही बुलाया जाएगा.
- स्कूल में क्वारनटीन रूम भी होगा जिसका प्रयोग इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सके.
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